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Subhash Chandra Bose Jayanti : इन प्यारे संदेशों के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती की दें हार्दिक शुभकामनाएं

आजादी की लड़ाई में पहले ये महात्मा गांधी के ही साथ थे, लेकिन बाद में उनसे अलग होकर इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की योजना बनाई। जिसके तुरंत बाद उन्होंने साल 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की और इसके बाद वर्ष 1943 में 21 अक्टूबर को आजाद हिंद फौज की स्थापना की।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी 1897 को दक्षिण पूर्वी राज्य उड़ीसा जिले के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। हिंदुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में इनका बहुत बड़ा योगदान था। ‘तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा’, ‘जय हिंद-जय भारत’ और ‘दिल्ली चलो’ जैसे स्लोगन से उन्होंने देश के युवाओं में देशभक्ति की लौ जलाई थी।

आजादी की लड़ाई में पहले ये महात्मा गांधी के ही साथ थे, लेकिन बाद में उनसे अलग होकर इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की योजना बनाई। जिसके तुरंत बाद उन्होंने साल 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की और इसके बाद वर्ष 1943 में 21 अक्टूबर को आजाद हिंद फौज की स्थापना की। इसकी स्थापना के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य था कि स्वतंत्रता की लड़ाई में ज्यादा से ज्यादा युवा वर्ग के लोग उनकी फौज से जुड़ सकें। हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में भी जाना जाता है। उनकी जयंती पर आप अपने दोस्तों,रिश्तेदारों, प्रियजनों को वॉट्सऐप स्टेट्स, वॉलपेपर्स, फेसबुक संदेश के जरिए बधाई दे सकते हैं।

1. अंग्रेजों को भारत की ताकत दिखाने की ठानी,

इसीलिए आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया।

जन्मदिन मुबारक हो सुभाष चंद्र बोस

2. परमवीर निर्भीक निडर,
पूजा जिनकी होती घर घर,
भारत माता के जो सच्चे सपूत,
हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर।

3. जाने हिन्द सुभाष है,
माने हिन्द सुभाष है,
शाने हिन्द सुभाष है,
शत-शत प्रणाम सुभाष को है..!!

4. वे कहां गए, वे कहां रहे,
ये धूमिल अभी कहानी है,
हमने तो उसकी नयी कथा,
आज़ाद फ़ौज से जानी है..!!

5. जिसके लहू का हर कतरा मुल्क के खातिर
और इरादे आज़ाद है रखते,
जिनका नाम ही काफी है कायरों में खौफ़ के लिए
क्योंकि सुभाष चन्द्र बोस कभी मरा नहीं करते।

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