प्राण प्रतिष्ठा के पहले ही आडवाणी के समर्थन में उतरा पूरा देश
अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन की अगुवाई करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के 22 जनवरी को होने जा रहे मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण मिलने के बाद भी अब वहां सम्मिलित होने की संभावना लगभग न के बराबर है
अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन की अगुवाई करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के 22 जनवरी को होने जा रहे मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण मिलने के बाद भी अब वहां सम्मिलित होने की संभावना लगभग न के बराबर है क्योंकि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, “दोनों ही नेता परिवार के श्रेष्ठ हैं और उनकी बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए, उनसे राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न आने के लिए विनम्र अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों ने सहर्ष स्वीकार भी कर लिया है.”इसी को लेकर अब लोगो का गुस्सा सरकार पर फूट पड़ा है और सभी ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार को खरी खोटी सुनाना शुरु कर दिया है।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आर्के सिंह नामक एक यूजर ने लिखा है कि मैंने सुना है कि श्री लाल कृष्ण आडवाणी और श्री मुरली मनोहर जोशी से अनुरोध किया गया है कि वे अयोध्या में “राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा” में शामिल न हों। यह देश के लिए शर्मनाक है, इन दो दिग्गजों ने राम मंदिर आंदोलन खड़ा किया है।’ वही एक अन्य यूजर राजीव श्रीवास्तव ने लिखा कि अयोध्या समारोह मे आडवाणी जी ,उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी को प्रधानमंत्री जी साथ लेकर जाऐ रथ यात्रां बलिदान का सम्मान होगा ठगबंधन क़ तखल पड जाऐगा कल्याण सिंह जी का योगदान कोठारी बंधुओं का बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान।
बताते चले इसी कड़ी मे ज्ञानेन्द्र सिंह लिखते है कि बिना आडवाणी मुरली मनोहर जोशी को अयोध्या में बुलाए प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा अधूरी रह जाएगी प्रधानमंत्री मोदी जी का कोई भूमिका राम जन्म भूमि आंदोलन में नहीं रहा है आडवाणी मुरली मनोहर जोशी को बुलाओ।