प्राण प्रतिष्ठा के बीच जाटों ने दे दिया मोदी सरकार को अल्टीमेटम
केंद्र की नौकरियों में ओबीसी वर्ग को लाभ मिलने की मांग लेकर जाट समाज ने फिर से बिगुल बजा दिया है. भजनलाल सरकार को अभी एक महीने हुए नहीं कुर्सी पर आए और अभी से उनके सरकार पर दबाव और खतरा मंडराने लगा है।
अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।दो दिन बाद होने वाला यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होगा। ऐसे में इस कार्यक्रम को लेकर भाजपाई इसे मिशन 24 से जोड़कर इस मुद्दे को खूब भुनाने पर तुली है और इसी के सहारे हिंदुत्व के लहर पर सवार होकर बीजेपी ने चुनाव में उतरने का प्लान भी बना लिया था हालांकि इन सबके बीच अब गुर्जर आंदोलन के बाद राजस्थान में जाट आरक्षण आंदोलन आकार ले रहा है. केंद्र की नौकरियों में ओबीसी वर्ग को लाभ मिलने की मांग लेकर जाट समाज ने फिर से बिगुल बजा दिया है. भजनलाल सरकार को अभी एक महीने हुए नहीं कुर्सी पर आए और अभी से उनके सरकार पर दबाव और खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल,भरतपुर में जाट समाज द्वारा केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज ने बुधवार से भरतपुर के उच्चैन तहसील के गांव जयचौली रेलवे स्टेशन के पास महापड़ाव शुरू कर दिया है। जाट समाज के लोग टेंट गाड़कर बैठ गए हैं।बता दें भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया। नेम सिंह फौजदार ने सात जनवरी को हुंकार सभा में कहा था कि भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण नहीं दिया तो 17 जनवरी को जयचौली (भरतपुर) गांव के पास दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को हम बाधित कर देंगे। अगर सरकार नहीं मानी तो हम दूसरा महापड़ाव बेडम गांव (भरतपुर) और तीसरा रारह (भरतपुर) में महापड़ाव होगा। दूसरे और तीसरे पड़ाव की तारीख अभी हमने तय नहीं की है। पहले रेल रोकेंगे, इसके बाद रोड जाम करेंगे।जाट समाज ने सरकार को 22 जनवरी तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इस तारीख तक हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो रेल की पटरियों को उखाड़ दिया जाएगा. दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और सड़क पर हम वाहनों के पहिए थाम देंगे. हो सकता है ये जन आंदोलन हिंसक रूप भी अख्तियार कर ले.