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राम लला प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले मोदी सरकार ने लिया अपना फैसला वापस

दिल्ली की एम्स हॉस्पिटल ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन 2.30 बजे तक सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं बंद करने का फैसला किया था जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और अन्ततः एम्स प्रशासन को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा.

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कल यानी 22 जनवरी को होनी है लेकिन उसके पहले ही मोदी सरकार ने अपना एक बड़ा फैसला वापस ले लिया है।
दरअसल दिल्ली की एम्स हॉस्पिटल ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन 2.30 बजे तक सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं बंद करने का फैसला किया था जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और अन्ततः एम्स प्रशासन को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा. स्वास्थ्य मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी प्रदान की. यानी अब 22 जनवरी सोमवार को भी आम दिनों की तरह ही ओपीडी चालू रहेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया सभी अस्पताल खुले रहेंगे, यहां तक ​​कि AIMS ने भी अपना फैसला पलट दिया है.
AIMS द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 22 जनवरी सोमवार को दोपहर 2.30 बजे तक आधे दिन अवकाश घोषित किया है. हालांकि, एम्स ने अपने बयान में साफ किया है कि इस दौरान इमरजेंसी की स्बाही सेवाएं जारी रहेंगी. शाम को ओपीडी भी चालू रहेगी. वहीं, सफदरजंग अस्पताल ने भी बयान जारी कर कहा कि 22 जनवरी को ओपीडी सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन सुबह 8 से 10 बजे तक होगा. लैब सेवाएं/रेडियोलॉजिकल सेवाएं प्रातः 11:30 बजे तक ही उपलब्ध रहेंगी. वहीं, फार्मेसी सेवाएं दोपहर तक चालू रहेंगी.

दरअसल, राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर AIIMS, सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया समेत राजधानी दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित चार बड़े अस्पतालों को 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे बंद रखने का फैसला किया गया था. केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे.  शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा था कि क्या भगवान राम इस बात से सहमत होंगे कि उनके स्वागत के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बाधित की जाए।

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