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PM Modi के मध्यप्रदेश दौरे के बीच हुआ भारी विरोध!

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में एक बार फिर से किसान आंदोलन को लेकर माहौल गर्माता हुआ दिख रहा है, जिसको लेकर इन दिनों कई किसान संंगठन मोर्चा बंंदी करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कुछ किसान संगठन सड़कों पर किसान शक्‍ति का प्रदर्शन भी कर चुके हैं.

झाबुआ मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग की राजनीति का केंद्र रहा है। ऐसे में आज एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) झाबुआ में आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करेंगे और वे इस दौरान 7,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही झाबुआ से पीएम मोदी पूरे देश की आदिवासी बहुल लोकसभा सीटों को टारगेट करेंगे।वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी समेत पूरी मोदी सरकार का जमकर विरोध हो रहा हैं।

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में एक बार फिर से किसान आंदोलन को लेकर माहौल गर्माता हुआ दिख रहा है, जिसको लेकर इन दिनों कई किसान संंगठन मोर्चा बंंदी करते हुए दिखाई दे रहे हैं तो वहीं कुछ किसान संगठन सड़कों पर किसान शक्‍ति का प्रदर्शन भी कर चुके हैं. बहरहाल, किसान प्रवक्ता राकेश टिकैत 16 फरवरी से किसान आंदोलन का डंका बजाते हुए दिखाई दे रहे हैं. तो वहीं 13 फरवरी से किसान आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है, तो वहीं 8 फरवरी को ही किसान आंदोलन के चलते एनसीआर जाम रहा है.बता दें,संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 13 फरवरी को दिल्‍ली कूच का ऐलान किया हुआ है. दोनों ही संगठन पूर्व में SKM का हिस्‍सा रहे हैं और मौजूदा वक्‍त में इसमें अधिकांश संगठन पंजाब, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश, यूपी के हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसान आंदोलन का कमांड सेंटर हरियाणा पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को बनाया हुआ है और किसान आंदोलन की अगुवाई में चंडीगढ़ से ही दिल्‍ली के जंतर-मंतर चलो की आवाज बुलंद की गई है. इस आंदोलन की शुरुआत चंडीगढ़ से 13 फरवरी को शुरू होनी है.

बताते चलें,इसको लेकर हरियाणा सरकार सख्त कदम उठाने में लग गई है. एक तरफ दिल्ली आने वाले रास्तों की बाड़ेबंदी कर दी गई है तो वहीं दिल्ली के आसपास के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट भी अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है.

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