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Teonthar:उपसरपंच और सचिव ने डकारा पंचायत का पैसा!

एक तरफ जहां भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा लगातार नए नए कानून लाए जा रहे हैं,भ्रष्टाचारियों को जेलों में ठूसा जा रहा है,उनकी चल अचल संपत्ति को कुर्की किया जा रहा है बावजूद इसके भ्रष्टाचार पर लगाम लगती हुई नजर नहीं आ रही है और भ्रष्टाचारी हर दिन नए नए हथकंडों से सरकार के पैसों से अपनी खाली तिजोरी भर रहे हैं यहां तक कि विकास के लिए आए पैसों तक का गबन करने से नहीं कतरा रहे हैं।

एक तरफ जहां भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा लगातार नए नए कानून लाए जा रहे हैं,भ्रष्टाचारियों को जेलों में ठूसा जा रहा है,उनकी चल अचल संपत्ति को कुर्की किया जा रहा है बावजूद इसके भ्रष्टाचार पर लगाम लगती हुई नजर नहीं आ रही है और भ्रष्टाचारी हर दिन नए नए हथकंडों से सरकार के पैसों से अपनी खाली तिजोरी भर रहे हैं यहां तक कि विकास के लिए आए पैसों तक का गबन करने से नहीं कतरा रहे हैं।ताजा मामला रीवा जिले की त्योंथर तहसील के देउपा कोठार ग्राम पंचायत का है जहां उपसरपंच और सचिव ने मिलीभगत करके दलित महिला सरपंच से फर्जी तरीके से दस्तखत करवाकर ग्राम पंचायत के विकास के लिए आए पैसों को हड़प लिया।

आपको बता दें कि यह पूरा मामला रीवा के त्यौंथर जनपद पंचायत अंतर्गत देउपा कोठार का है जहां की दलित महिला सरपंच सुत्रामा देवी द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि उपसरपंच पंकज शुक्ला और सचिव दिनेश तिवारी के पास वित्तीय प्रभार यानी अतिरिक्त प्रभार है उन दोनों के द्वारा फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कराया गया और सरकार के खाते से बड़ी राशि निकाल ली गई जब महिला को भ्रष्टाचार होने का शक हुआ तो उच्च अधिकारियों के पास भ्रष्टाचार उजागर शिकायती आवेदन देकर अवगत कराया गया, लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा महीनों समय गुजर जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, उलटा महिला सरपंच के सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाते – लगाते पांव की चप्पल तक घिस गई, लेकिन न्याय नहीं मिला

अब सवाल यह उठता है कि क्यों भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मामले में अधिकारियों  द्वारा कोई कार्यवाही  नही की गई?अधिकारियों का यह रूख कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की पनपती जड़ों को और पानी देने का काम कर रहा है।

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