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नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण से पहले अपनी ही बात से पलट गए पीएम मोदी

नीतीश के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल पीएम मोदी समेत सम्पूर्ण भाजपा आलाकमान पर उठ रहा है कि आखिर डेढ़ साल पहले 2022 में नीतीश एनडीए से अलग हुए थे तब तो भाजपा आलाकमान ने बड़े ही कड़े शब्दों में नीतीश को पलटू राम कहकर उनके लिए नो एंट्री का बोर्ड दिखा दिया था।

पटना में रविवार का दिन बड़ा सियासी उलटफेर का गवाह  बना है. नीतीश कुमार ने पार्टी के विधायक दल की बैठक के ठीक बाद राजभवन जाकर अपना इस्तीफा गर्वनर राजेंद्र आर्लेकर को सौंप दिया. नीतीश कुमार एक बार फिर से करीब 2 साल के बाद अपने पुराने घर यानी एनडीए में जा रहे हैं और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं.वहीं नीतीश कुमार के इस्तीफा देते ही पीएम मोदी सवालों के घेरे में खड़े हो गए है क्योंकि वे अपने ही बयान से बहुत बड़ी पलटी मार गए है।दरअसल,नीतीश के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल पीएम मोदी समेत सम्पूर्ण भाजपा आलाकमान पर उठ रहा है कि आखिर डेढ़ साल पहले 2022 में नीतीश एनडीए से अलग हुए थे तब तो भाजपा आलाकमान ने बड़े ही कड़े शब्दों में नीतीश को पलटू राम कहकर उनके लिए नो एंट्री का बोर्ड दिखा दिया था। उन्होंने साफ कह दिया था कि भाजपा के दरवाज़े नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बन्द हो चूकें है और अब आखिर ऐसा क्या हो गया कि वह फिर से भाजपा में जा रहे हैं तो भाजपा आलाकमान ने उनका स्वागत कर लिया है।हालांकि जो भी हों अब तो जनता भी कह रही है कि पहली बार उन्होंने ऐसी पलटीमार सरकार देखी है.चाहे भाजपा आलाकमान हो या नीतीश कुमार दोनों पर ही जनता ने अवसरवादिता का आरोप लगाया है।ऐसे में जनता सब देख रही है और आगामी चुनावों में और भी बड़ा खेला होने के पूरे आसार है।

गौरतलब है कि बीते समय में अमित शाह ने कई बार नीतीश कुमार पर पलटू राम कहकर हमला बोला था। उन्होंने एक सभा में कहा था कि 2025 में बिहार में बीजेपी की सरकार बनानी है. क्योंकि आपने जब-जब हमें आशीर्वाद दिया एक पलटू राम नीतीश कुमार ने जनादेश का द्रोह करके सरकार गिरा. अमित शाह ने लोगों से सवाल करते हुए पूछा कि आपने लालू यादव के जंगलराज के विरोध में वोट दिया था कि नहीं दिया था? ये पलटूराम ने प्रधानमंत्री बनने के लिए बिहार के जनादेश का अपमान किया. बिहार को जंगलराज की भेंट चढ़ाने का काम पलटूराम नीतीश कुमार ने किया है.

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