नेहरू पर पीएम मोदी के हमले के बीच Nitin Gadkari ने मोदी को चौतरफा फंसाया!
मोदी सरकार में सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का एक बेबाक बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसने भाजपाइयों की टेंशन में इजाफा कर दिया हैं।

लोकसभा चुनावों में अभी बस कुछ महिने ही बाकी है।ऐसे में सभी नेता और राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं।चुनावों से पहले का यह समय ऐसा है जब किसी पार्टी या नेता के छोटे से छोटे काम या बयान को भी लोग बहुत ही बारीकी से देखते हैं और उसके मायने निकालते हैं। ऐसे में मोदी सरकार में सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का एक बेबाक बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है जिसने भाजपाइयों की टेंशन में इजाफा कर दिया हैं।
दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को अवसरवादी राजनेताओं के सत्ताधारी दलों से जुड़े रहने की इच्छा पर गंभीर चिंता व्यक्त की . उन्होंने कहा कि इस तरह की “विचारधारा में गिरावट” लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है. बीजेपी नेता ने आगे कहा कि अपनी विचारधारा पर दृढ़ नेताओं की संख्या धीरे-धीरे बहुत कम हो रही है. उन्होंने बिना किसी व्यक्ति का नाम और आरोप लगाए बिना कहा, “मैं हमेशा ही मजाक में कहता रहता हूं कि चाहे कोई भी पार्टी की सरकार हो, एक बात निश्चित है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी भी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा भी नहीं मिलती.”बताते चलें सीनियर भाजपा नेता ने आगे कहा कि,”हमारी चर्चाओं और बहसों में मतभेद और मनभेद हमारी समस्या नहीं है, हमारी समस्या विचारों की कमी है.”
परिवहन मंत्री ने अंतिम में कहा कि, “न तो वामपंथी और न ही दक्षिणपंथी, हम जाने- माने बहुत अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं, और सभी सत्तारूढ़ दल और और सत्तारूढ़ नेता से जुड़े रहना चाहते हैं.”जाहिर हो कि बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक और निष्पक्ष बयानों के लिए जाने जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने चुनाव से लेकर अपने काम को लेकर कई कमेंट किए हैं। इसी सिलसिले में अब उनके इस नये बयान के कई मायने निकाले जा रहे है।