

भारत में बहुत से मंदिर चमत्कारों से भरे हुए हैं। अब भी कोई इन मंदिरों में होने वाली घटनाओं का रहस्य नहीं समझ पाया है। इन्हीं में से एक है मैहर में स्थित मां शारदा का शक्तिपीठ। 51 शक्तिपीठों में से एक मैहर के शारदा मंदिर में माता सती का हार गिरा था। त्रिकूट पर्वत की चोटी पर यह मंदिर है। कहा जाता है कि पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है।
हर दिन होता है चमत्कार
यह एक ऐसा मंदिर है जहां रोज एक चमत्कारिक घटना होती है। मंदिर के पट रात को बंद होने पर पुजारी भी पहाड़ के नीचे चले जाते हैं। रात को मंदिर में कोई नहीं रहता, लेकिन अगले दिन सुबह पुजारी आने से पहले देवी मां के सामने ताजे फूल चढ़े हुए मिलते हैं।
मान्यता है कि वीर योद्धा आल्हा और ऊदल यह फूल चढ़ाकर जाते है। वे हर दिन मंदिर में माता की पूजा करने के लिए अदृष्य होते हैं। इन दोनों योद्धाओं ने इस घने जंगल में मां शारदा (Maa Sharda) के पवित्र स्थान पर बारह वर्ष तक तपस्या की। तब मां शारदा ने खुश होकर उन्हें जीवन भर अमर रहने का वरदान दिया।
अपनी जीभ काटकर मां को चढ़ा दी थी
यह भी कहा जाता है कि ऊदल और आल्हा ने देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अपनी जीभ काटकर उन्हें दी थी। तब, उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने फिर से अपनी जीभ जोड़ दी। इस मंदिर में मां को देखने के लिए एक हजार से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। पिछले कुछ सालों से यहां रोपवे सुविधा भी शुरू हो चुकी है, जिसका उपयोग लोग लगभग 150 रुपये में कर सकते हैं।